.ज़ुबान (ZUBAN)
तल्ख़ कर दी है ज़िंदगी जिस ने
कितनी मीठी ज़बान है प्यारे
जंग छिड़ जाए हम अगर कह दें
ये हमारी ज़बान ह...
तल्ख़ कर दी है ज़िंदगी जिस ने
कितनी मीठी ज़बान है प्यारे
जंग छिड़ जाए हम अगर कह दें
ये हमारी ज़बान ह...
बौद्ध दर्शन के अनुसार हर समस्या अपने साथ हल भी लेकर आती है है जो कि समस्या के अंदर ही छिपा रहता है। समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता ...
दुख के जंगल में फिरते हैं कब से मारे मारे लोग
जो होता है सह लेते हैं कैसे हैं बेचारे लोग<...
यहाँ शोर बच्चे मचाते नहीं हैं
परिंदे भी अब गीत गाते नहीं हैं
दुनिया में वही शख़्स है ताज़ीम के काबिल
जिस शख़्स ने हालात का रुख मोड़ दिया हो
अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है
कोई आ जाये तो वक़्त गुज़र जाता है
जलाने वाले जलाते ही है चराग़ आखिर
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की