सुनें कहानी संज्ञा से
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हिन्दी भाषा में साहित्य का विशाल और समृद्ध खज़ाना लिखित रूप में मौजूद है। डिजिटल युग में बहुत ही दुर्लभ पुस्तकें भी स्कैन की हुई इंटरनेट पर मिल जाती हैं। e-library की स्थापना और डिजिटल संग्रह लगातार खुलते जा रहे हैं। लेकिन अंग्रेज़ी की तरह हिन्दी साहित्य अभी आडिओ रूप में बहुत ज़्यादा संख्या में नहीं है। इस संग्रह को बढ़ाने में मेरा एक छोटा सा सहयोग इस पॉडकास्ट के माध्यम से आपके पास तक पहुँच रहा है। कुछ बड़े, नामी पुराने साहित्यकारों की कहानियाँ, कुछ नए कहानीकारों की कहानियाँ सुनते रहिए….पॉडकास्ट सुनें कहानी संज्ञा से के माध्यम से।

रवींद्र नाथ टैगोर की कहानियाँ : खोया हुआ मोती : Khoya hua moti

रवीन्द्रनाथ टैगोर लिखित प्रस्तुत इस कहानी में बात पति पत्नी के बीच अविश्वास की भी है। नारी के आभूषण प्रेम की भी है और अंधविश्वास व अफवाहों की भी। खूबस...
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रवींद्र नाथ टैगोर की कहानियाँ : सुभाषिणी : Subhashini

एक कुँवारी लड़की की अगर शादी न हो पा रही हो, तो उसके माता पिता को समाज में, खानदान में विचित्र नज़रों से देखा जाना और लड़की की खामियां निकालने की प्रक्रि...
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शकुंतला बृजमोहन के कहानियां : बेगुनाह : Begunah

जीवन में बहुत बार परिस्थियाँ कुछ ऐसी निर्मित हो जाती हैं कि सच्चाई की परतें दब जाती हैं और अपनी बेबस इंसान अपनी बेगुनाही का सबूत देने में समर्थ नहीं ह...
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रवींद्र नाथ टैगोर की कहानियाँ : काबुलीवाला : Kabuliwala

काबुलीवाला.....रवीन्द्रनाथ टैगोर की लिखी कहानियों में शायद सबसे ज़्यादा लोकप्रिय और जानी पहचानी कहानी है। छोटी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल ये कहानी ...
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शकुंतला बृजमोहन के कहानियां : पुरस्कार : Puraskar

एक लड़की की बचपन से चाहत, पुलिस की नौकरी करने की थी, क्योंकि उसके पिता एसपी थे। उसकी शिक्षा और ट्रेनिंग भी ....उसी हिसाब से हुई थी जिससे कारण उसके शौक ...
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