JAB TAK TUMSE DIL NA LAGAYA THA
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Welcome to my first podcast , I hope you enjoy listening to it! एक महीने का प्यार ये ज़िंदगी हसीन थी जब तक तुमसे दिल न लगाया था अब भी यक़ीन नहीं की कुछ दिन तुम्हें अपनाया था कभी ख़्वाबों में कभी पलकों पे कभी दिल में सजाया था ये ज़िंदगी हसीन थी जब तक तुमसे दिल न लगाया था कभी गुज़रुं तेरी तरफ से कभी दिखे तू बाज़ार में, सदा बैठा करता था तेरे दर पर बस तेरे ही इंतज़ार में तू देखे या ना देखे पर हमने ख़ुद को बहलाया था ये ज़िंदगी हसीन थी जब तक तुमसे दिल न लगाया था कभी परिंदों से कभी तारों से तेरी बातें किया करते जो न मिलता कोई तो तेरी तस्वीर निहारा करते थे अक्सर तेरी बातों को मैने दोस्तों में फरमाया था ये ज़िंदगी हसीन थी जब तक तुमसे दिल न लगाया था इक दिन निकला इज़हार करने मेरी मुहब्बत का तुझसे पर तेरी ज़िंदगी में निकला कोई और बेहतर मुझसे जिस चेहरे को देख मुस्काए आज उसीने रुलाया था ये ज़िंदगी हसीन थी जब तक तुमसे दिल न लगाया था अब आदत सी है मानो हर जगह तू नज़र आती है नींद आने तक और सुबह पहले याद तेरी आती है एक महीने के प्यार ने मुझे तकलीफ़ों से भिगाया था ये ज़िंदगी हसीन थी जब तक तुमसे दिल न लगाया था