Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ) #hindipoetry #shayri #kavita
Share:
Listens: 29
About
Here I recite Hindi poems written by me and some of my most favorite, all-time classics. इस पॉडकास्ट के माध्यम से मैं स्वरचित रचनाएँ और अपने प्रिय कवियों की कालजयी कवितायेँ प्रस्तुत कर रहा हूँ (All cover arts are watercolor paintings by my 8-year-old daughter Avni) #Hindi #Poetry #Shayri #Kavita #HindiPoetry
तुम्हें उदास-सा पाता हूँ मैं कई दिन से न जाने कौन से सदमे उठा रही हो तुम वो शोख़ियाँ, वो तबस्सुम, वो क़हक़हे न रहे हर एक चीज़ को हसरत से देखती हो तुम ...
प्रथम सर्ग काँप रही थी पृथ्वी, स्वर्ग भी था भयभीत। महिषासुर ने लिया, तीनों लोकों को जीत। त्राहि माम के गुंजन से, सृष्टि भर गयी सारी। जग में आतंक मचा र...
प्रथम सर्ग काँप रही थी पृथ्वी, स्वर्ग भी था भयभीत। महिषासुर ने लिया, तीनों लोकों को जीत। त्राहि माम के गुंजन से, सृष्टि भर गयी सारी। जग में आतंक मचा र...
शीर्षक: क्राँति का नया अर्थ २६ जनवरी की सर्द सुबह को, गर्म चाय की चुस्कियां लेते हुये। गर्वित अनुभव कर रहा था, टीवी पर सेना की परेड देखते हुये। की अचा...
शीर्षक: क्राँति का नया अर्थ २६ जनवरी की सर्द सुबह को, गर्म चाय की चुस्कियां लेते हुये। गर्वित अनुभव कर रहा था, टीवी पर सेना की परेड देखते हुये। की अचा...
अपना ये रिश्ता न अपनों वाली आत्मीयता है और, न अजनबियों वाली औपचारिकता। असहज हो जाती हो मेरी मौजूदगी में, आखिर कैसा है अपना ये रिश्ता। आखिर … न कभी अनु...
अपना ये रिश्ता न अपनों वाली आत्मीयता है और, न अजनबियों वाली औपचारिकता। असहज हो जाती हो मेरी मौजूदगी में, आखिर कैसा है अपना ये रिश्ता। आखिर … न कभी अनु...
साढ़े नौ किलोमीटर "साढ़े नौ किलोमीटर" कलाई पर बँधी स्मार्टवॉच ने दिखाया। जैसे ही घर का द्वार निकट आया। रोज ही की तरह मॉर्निंग वॉक से वापस आ रहा था। स्वय...