Episode 4 | मैं हूं तुम्हारे साथ, सदा तुम्हारे पास | एक सुनहरी शाम
एक सुनहरी शाम,अपनी आंखों को मूंदकर,
जब देखा अपनी जिंदगी को पीछे मुडकर,
तब लगा,
जाने कितने अनगिनत क्षण जिंदगी मे आए,
जब मन...
एक सुनहरी शाम,अपनी आंखों को मूंदकर,
जब देखा अपनी जिंदगी को पीछे मुडकर,
तब लगा,
जाने कितने अनगिनत क्षण जिंदगी मे आए,
जब मन...
एक सुनहरी शाम अपनी पलकोँ को मूंद कर ,
जब देखा अपनी जिंदगी को पीछे मुड़कर ,
लगा लोग हमेशा कहते हैँ...
हवा के झोंके के साथ एक दिन उ...
एक सुनहरी शाम अपनी पलकों को मूँद कर
जब देखा अपनी ज़िंदगी को पीछे मुड़कर
तब लगा
कि वक़्त की ये कैसी खासियत है ?
वो लौटकर ...
एक सुनहरी शाम अपनी पलकों को मूँद कर ,
जब देखा अपनी ज़िंदगी को पीछे मुड़कर ,
तब लगा
की जाने कितने लोग ज़िंदगी में गए और आये,
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