हमने बहुत से पलों को डॉक्यूमेंट करके तो रखा हैँ, लेकिन उन्हें बयां नहीं कर पाए। पता नहीं क्यों? इसी वजह से रिश्तों की अलगोरिथम चेंज होने लगा और हम फिर उसी मानसिकता के गुलाम होने लगे। ये पॉडकास्ट डॉक्यूमेंटेड पलों बयां करता हैँ और गुलामी मानसिकता को तोड़ता हैँ।