Chaitra Navratri 2025 Special New Devi Bhajans: चैत्र नवरात्रि Special 2025
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हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाती है। नवरात्रि पर देवी दुर्गा का नौ अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक लोग उपवास रखते हैं। सालभर में 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि, एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि होती है।


नवरात्रि के नौ दिन पूजा का महत्व :-


प्रथम दिन-

कलश स्थापना के साथ ही प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है और माना जाता है कि माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं, इसीलिए इनको सफेद रंग बेहद प्रिय है।


दूसरा दिन-

दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का दिन है और माता ब्रह्मचारिणी के पूजन-अर्चना से व्यक्तित्व में वैराग्य, सदाचार और संयम बढ़ने लगता है।


तीसरा दिन-

तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और कहा जाता है कि माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना से मानव सांसारिक कष्टों से मुक्ति पाते हैं।


चौथा दिन-

नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है और माता को मालपुए का भोग लगाया जाता है।


पांचवा दिन-

पांचवें दिन दुर्गाजी के पंचम स्वरुप माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है और माता को केले का भोग चढ़ाया जाता है।


छठा दिन-

नवरात्रि के छठें दिन देवी के षष्टम रूप माता कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है।


सातवां दिन-

नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है और माता कालरात्रि शत्रुओं का नाश करने वाली होती हैं।


आठवां दिन-

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना का विधान है।महागौरी की पूजा करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, घर में सुख-समृद्धि आने लगती है।


नवां दिन-

नवरात्रि का नौवां दिन माता सिद्धिदात्री का है।मान्यता है इस दिन भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।

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