अल्हड बनारसी
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अल्हड बनारसी और रमती बंजारन में हमारी कविताएँ बनारस के जगहों को प्रमुखता से दर्शाया गया है और बनारसी लोगों के बीच ये कविताएँ अपनी अच्छी जगह बना रहीं हैं और अलग अलग लोगों के द्वारा आ रहे सुझाव के आधार पर हर पहलू तक पहुंचने का प्रयास किया गया है ! अल्हड बनारसी औऱ रमती बंजारन के लेखक शरद दुबे और स्पीकर Rj सनी है

इस बार दिसंबर फिर जाएगा

इस बार दिसंबर फिर जाएगा
इस बार दिसंबर फिर जाएगा क्या अब ना खुशियां लाएगा
बादल बारिश दे जाएगी या सुकून फिर मिल पाएगी
उन यादों को ले ज...
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तुम फिर ना वापस आए थे

तुम फिर ना वापस आए थे
बहुत बिताया व्यक्त मगर तुम ना आए थे
सारे घाट रहे यूं व्यस्त मगर तुम ना आए थे
गुज़र गए फिर व्यक्त मगर तुम ना आए...
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बसंत जब फिर आया होगा

बसंत जब फिर आया होगा
पतझड़ से वो बतलाया होगा
जाने कि बात सुनाया होगा
पतझड़ कि जब बातें होंगी
बसंत कि आखिरी रातें होंगी
क...
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