Religion & Spirituality
अपनी संस्था के आचार्य के प्रति सम्मान होना चाहिए किन्तु इस आधार पर अपना जीवन व्यतीत करना कि - "हम अपनी संस्था के आचार्य (उदाहरण - श्रील प्रभुपाद) के अलावा किसी के ग्रन्थ नहीं पढ़ते— क्या यह बुद्धिमता है? इस video के द्वारा स्पष्ट किया जा रहा है।