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त्योहार और वार!
त्योहारों की रौनक और राजनीतिक वार — क्या अब जश्न भी राजनीति से अछूते नहीं?
क्या नेताओं की रैलियां और त्योहारों के आयोजन एक-दूसरे का मंच बन गए हैं?
क्या जनता के उत्सव में राजनीतिक संदेशों की घुसपैठ हो रही है?
क्या यह जनसंपर्क है या जनभावनाओं पर रणनीतिक कब्जा?
Agenda Points:
* भाजपा और कांग्रेस के त्योहारों में दिख रहे अलग-अलग चेहरे और मकसद।
* क्या इन आयोजनों से राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं?
* जनता की भागीदारी — उत्साह से या प्रभाव में?
* मीडिया और सोशल मीडिया पर त्योहार-पॉलिटिक्स का असर।
* क्या लोकतंत्र में उत्सव का अर्थ बदल रहा है?
Host:
योगीराज योगेश जी
Panelists:
डॉ. बृजेश पांडेय जी – प्रवक्ता, मप्र भाजपा
पवन पटेल जी – सचिव, मप्र कांग्रेस
प्रकाश सक्सेना जी – वरिष्ठ पत्रकार
पूरा पॉडकास्ट सुनने के लिए क्लिक करें:
https://pod.link/1772547941
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त्योहार के रंग और राजनीति के ढंग — दोनों की असलियत को समझिए।