Society & Culture
बंधन में घुट रहे आज आप सभी से विनम्र निवेदन हे
केवल तनया मन की नेही सोच को भी स्वतंत्र होने दें
आप पाएँगे की आप कोई भिर्न व्यक्तित्व हें
जिससे आप की मुलाक़ातहो रही हे वास्तव में वही आप हैं।
आप से आप की इस मिलन की बधाई।
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