सवा सेर गेहूँ - मुंशी प्रेमचंद | Sava Ser Gehun -

Share:

Listens: 1563

Hindi Kahaniyan | हिंदी कहानियाँ

Arts


यह कहानी शंकर नामक एक गरीब किसान की है। एक दिन एक साधु-महात्मा उसके घर पधारे, जिनको शंकर ने सवा सेर गेहूँ विप्र जी से उधार लेकर भोजन कराया। इसके बाद शंकर की ज़िंदगी ने नया मोड़ लिया। क्या से क्या हो गया! सवा सेर गेहूँ ने तो जैसे शंकर की ज़िंदगी ही बदल डाली । ऐसा क्या हुआ..? आइए जानने के लिए सुनते हैं मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी - सवा सेर गेहूँ