सफाई – आखिर किसकी ज़िम्मेदारी?

Share:

OPD Diaries

Society & Culture


आज OPD में एक छोटी-सी घटना ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया—क्या सफाई सिर्फ़ क्लीनर का काम है? हम अपने घर में गंदगी नहीं सहते, लेकिन बाहर आते ही सड़कों, नहरों और पार्कों को कचरे का डिब्बा क्यों बना देते हैं? धरती को माँ कहते हैं, फिर उसके पैरों पर रोज़ कचरा क्यों फेंकते हैं? असली समस्या गंदगी नहीं, हमारी सोच है—“ये मेरा काम नहीं।” सफाई कोई काम नहीं, बल्कि इंसानियत की आदत है। अब तय हमें करना है—क्या हम आने वाली पीढ़ी को साफ़ शहर देंगे या बस ये कहकर निकल जाएंगे कि “मैं कोई क्लीनर हूँ”?