सांख्य योग: स्थिर बुद्धि और कर्मयोग

Share:

कृष्णवाणी: गीता के 18 योग

Religion & Spirituality


“सांख्य योग: स्थिर बुद्धि और कर्मयोग” में हम गीता के अध्याय 5 (श्लोक 41–60) का गहन अध्ययन करते हैं, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को मन और इंद्रियों के संयम का वास्तविक मार्ग बताते हैं।

इस एपिसोड में आप जानेंगे—

  • स्थिर बुद्धि (Stithaprajna) का आध्यात्मिक अर्थ
  • मन को विचलित करने वाली इच्छाओं से कैसे मुक्त हों
  • क्यों कर्मयोग में ‘फल त्याग’ सबसे महत्वपूर्ण साधन है
  • इंद्रिय-निग्रह और समभाव का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
  • आत्म-साक्षात्कार तक ले जाने वाला कृष्ण का मार्गदर्शन

कृष्ण का संदेश स्पष्ट है—

“तुम्हारा अधिकार केवल कर्म पर है, फल पर नहीं।”

इसी उपदेश से जन्म लेती है स्थिर बुद्धि—जो जीवन को शांत, संतुलित और सार्थक बनाती है।

इस एपिसोड को सुनें और अपने भीतर उस दिव्य स्थिरता को खोजें, जिसे गीता स्थितप्रज्ञता कहती है।

#कृष्णवाणी #सांख्ययोग #कर्मयोग #स्थिरबुद्धि #Stithaprajna #BhagavadGitaWisdom #GeetaGyan #NishkamKarma #SpiritualPodcast #HinduPhilosophy #MahabharataTeachings #Mindfulness #InnerPeace