प्यासा कण्ठ है मेरा... और मेघ बन बरसना स्वभाव है तेरा।
Share:
About
उपर्युक्त काव्य रचना भगवान शिव से मेरा और मेरे जैसे अनेक लोगों का निपट प्रेम दर्शाती है। यदि आप भी शिव भक्त हैं तो उक्त काव्य रचना आपको अवश्य शीतलता प्रदान करेगी, आपके हृदय को स्पर्श करेगी।
वियोगी
Arts
उपर्युक्त काव्य रचना भगवान शिव से मेरा और मेरे जैसे अनेक लोगों का निपट प्रेम दर्शाती है। यदि आप भी शिव भक्त हैं तो उक्त काव्य रचना आपको अवश्य शीतलता प्रदान करेगी, आपके हृदय को स्पर्श करेगी।