Society & Culture
पटना में रहनेवाली स्वाती को कहानियां सुनना-सुनाना पसंद है. वे रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को अपने बिहारी तड़के के साथ हमारे सामने ला रही हैं. स्वाती इन कहानियों के ज़रिए कुछ बेड़ियों को टटोलती हैं और उन्हें चुनौती देती हैं. पटनावाली की तीसरी क़िस्त में स्वाती हमें सुना रही हैं कहानी घर घर की. इस कहानी के लिए चित्रांकन आकृति अग्रवाल ने किया है.
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