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निगम मंडल: किसका मंगल!
सत्ता की नई बिसात बिछ चुकी है — अब देखना ये है कि फायदा जनता का होगा या सत्ता से जुड़े चेहरों का?
जब निगम मंडलों की नियुक्तियाँ होती हैं, तो सवाल सिर्फ नामों का नहीं होता — मंशा का होता है।
क्या ये नियुक्तियाँ योग्यता के आधार पर होती हैं या सिर्फ राजनीतिक संतुलन साधने के लिए?
जनता के संसाधनों पर बैठने वाले ये चेहरे क्या सच में बदलाव लाते हैं या ये भी सत्ता की रीति-नीति का हिस्सा भर हैं?
सत्ता का मंगल है… लेकिन क्या जनता के हिस्से भी कुछ आएगा?
* निगम मंडल की नियुक्तियों में योग्यता बनाम सियासत क्या है?
* क्या ये पद सिर्फ सत्ता पक्ष को खुश करने का जरिया हैं?
* जनता के हित में काम होगा या सिर्फ राजनीतिक फायदा?
* क्या विपक्ष को इस प्रक्रिया में कोई भूमिका मिलती है?
Agenda Points:
* निगम मंडल में नियुक्ति प्रक्रिया और उसकी पारदर्शिता
* सत्ता और संतुलन का खेल
* जनता की अपेक्षाएं बनाम राजनीतिक हकीकत
* राजनीतिक लॉयल्टी और पुरस्कार की परंपरा
* निगम मंडलों का असल असर ज़मीनी स्तर पर
Host:
नवीन पुरोहित जी
Panelists:
डॉ. प्रेम व्यास जी – मीडिया पैनलिस्ट, म.प्र. भाजपा
राहुल राज जी – प्रवक्ता, म.प्र. कांग्रेस
कन्हैया लोधी जी – वरिष्ठ पत्रकार
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सत्ता की रणनीति, विपक्ष की प्रतिक्रिया और जनता की असल चिंता — सब कुछ इसी एपिसोड में!