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मोहन का कृष्ण ‘मंत्र’!
क्या भगवान कृष्ण का जीवन दर्शन सिर्फ आध्यात्मिकता तक सीमित है या इसमें राजनीति और समाज के लिए भी गहरा संदेश छिपा है?
क्या कृष्ण के आदर्शों का आह्वान जनता को जोड़ने का माध्यम है या सत्ता की रणनीति का हिस्सा?
धार्मिक प्रतीकों और राजनीतिक संदेशों का यह मेल कितना प्रभावी है?
क्या ‘कृष्ण मंत्र’ समाज में एकता और नीति का आधार बन सकता है?
Agenda Points:
* कृष्ण जन्मोत्सव का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
* धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक विमर्श में उपयोग
* कृष्ण के आदर्श: नीति, राजनीति और जनकल्याण
* क्या आस्था और सत्ता का संगम लोकतंत्र को मजबूत करता है या चुनौती देता है?
* जनता के बीच ऐसे संदेशों की स्वीकार्यता और प्रभाव
Host:
योगीराज योगेश जी,
Panelists:
डॉ. वाणी आहलुवालिया जी – मीडिया पैनलिस्ट, मप्र भाजपा
समर सिंह जी – प्रवक्ता, मप्र कांग्रेस
प्रकाश सक्सेना जी – वरिष्ठ पत्रकार
पूरा पॉडकास्ट सुनने के लिए क्लिक करें:
https://pod.link/1772547941
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