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मोदी का मुक़ाम
एक नेता, जिसकी पहचान सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार बन गई है — अब सवाल यह है कि यह मुक़ाम किसका है, और कितना स्थायी है?
मोदी का नाम राजनीति की हर चर्चा का हिस्सा बन चुका है।
लेकिन क्या यह समर्थन है, लोकप्रियता है या सिर्फ एक शानदार रणनीति?
क्या जनता अब भी उसी उम्मीद के साथ देख रही है या अब मूल्यांकन का समय आ चुका है?
क्या विरोधियों के पास कोई जवाब है या केवल सवाल?
क्या PM मोदी का मुक़ाम अब भी अडिग है या इसमें दरारें आ रही हैं?
* क्या मोदी का प्रभाव सिर्फ प्रचार तक सीमित है या ज़मीनी बदलाव भी ला रहा है?
* क्या भाजपा मोदी के चेहरे पर ही टिकी है या संगठनात्मक शक्ति भी उतनी ही मजबूत है?
* क्या विपक्ष मोदी के मुक़ाबले कोई ठोस चेहरा दे पाया है?
* जनता की नज़र में मोदी की उपलब्धियों और कमियों का संतुलन क्या है?
Agenda Points:
* मोदी की राजनीतिक यात्रा और वर्तमान स्थिति
* जनता की सोच और राजनीतिक रणनीति का फर्क
* भाजपा का मोदी केंद्रित चुनावी मॉडल
* विपक्ष की रणनीति बनाम मोदी ब्रांड
* ‘मुक़ाम’ की असल परिभाषा: प्रचार, काम या व्यक्तित्व?
Host:
योगीराज योगेश जी
Panelists:
बृजगोपाल लोया जी – प्रवक्ता, म.प्र. भाजपा
समर सिंह जी – प्रवक्ता, म.प्र. कांग्रेस
आलोक सिंघई जी – वरिष्ठ पत्रकार
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एक शख्सियत, एक सोच और एक मुक़ाम — राजनीति की नई परिभाषा इसी चर्चा में खोजिए!