बस यूँही आज पुराने ऑफिस वाली लंच पार्टनर की याद आ गयी...उसके ऑफिस से जाने का दुःख तो था पर उस से ज़्यादा कसक उसके जाने की वजह से थी.... सुनिए कीर्ति की कहानी.
Bas Aise Hi
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बस यूँही आज पुराने ऑफिस वाली लंच पार्टनर की याद आ गयी...उसके ऑफिस से जाने का दुःख तो था पर उस से ज़्यादा कसक उसके जाने की वजह से थी.... सुनिए कीर्ति की कहानी.