Society & Culture
सेक्स किन्हीं भी दो व्यक्तियों का नितांत निजी मामला है। पर इसमें दोनों की सहमति और आनंद मायने रखता है। वह रूठ न जाए, वह किसी और को न चाहने लग जाए, वह मेरा साथ न छोड दे या वे मुझे अहसान फरामोश न मानने लग जाएं… इस तरह के दबाव जब आपको सेक्स के लिए तैयार करते हैं, तो यकीनन यह आपकी मेंटल हेल्थ को आज नहीं तो कल बहुत नुकसान पहुंचाने वाले हैं। कड़क चाय के इस तीसरे एपिसोड में सुजाता कर रहीं हैं सेक्स के लिए चालाकी से बनाए जाने वाले दबावों पर बात। Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices