Society & Culture
Pune Station पर एक आम सी दिखने वाली, मगर हौसले में बेमिसाल लड़की से मुलाकात होती है—जो टैक्सी चलाती है। लेकिन उसकी कहानी आम नहीं है। वो हर दिन सिर्फ सड़कों की नहीं, समाज की सोच से भी जंग लड़ती है। लोग उसके काम करने को उसकी “तैयारी” समझ बैठते हैं—हर चीज़ के लिए। उसे रोज़ ही छेड़खानी, गंदी नज़रों, और घटिया इरादों से जूझना पड़ता है। पर वो रुकी नहीं। उसका मानना है कि अकेली नहीं है वो—देश भर में ऐसी हज़ारों लड़कियाँ हैं, जो रोज़ कुछ कर दिखाने निकलती हैं, और समाज के नजरिए को बदलने की जिद में जीती हैं।