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सारा कुछ हमारे देखने के नज़रिए में है , मैं किसी की कहानी में हीरो हूं तो किसी की कहानी में खलनायक । एक ही व्यक्ति दोनों ही किरदार निभाता चला जाता है । मैने खुद को हीरो से खलनायक में बदलते देखा है बोहोत करीब से । आशा है इसे आप भी महसूस कर पाएंगे ।