Society & Culture
ड्यूटी और बेटी के धर्म के बीच झूलती एक डॉक्टर — जब अपने ही पिता को हार्ट अटैक आता है, तो अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करती उसकी आँखों से आँसू बह निकलते हैं। मरीज़ समझती है, साथी बनती है, और इंसानियत रास्ता दिखाती है। Pathankot की OPD में उस दिन सिर्फ स्कैन नहीं रुके — एक बेटी की जद्दोजहद, एक पिता की पुकार, और समाज की संवेदना ने मिलकर ये साबित कर दिया कि जब दिल टूटते हैं, तब दिलवाले ही साथ खड़े मिलते हैं। ये है एक सच्ची घटना — ‘OPD Diaries’ से, डॉ. दीक्षा की जुबानी।