May 21, 2020Artsआदमी और वक़्त की फ़ितरत यही है, एक समय के बाद दोनों गुज़र जाते हैं, और अगर मालूम है ये बात हम सभी को तो, कैसे कह दें? वक़्त है, और तेरी ज़रुरत नहीं है।