July 21, 2023Society & Cultureएक सुनहरी शाम,अपनी आंखों को मूंदकर, जब देखा अपनी जिंदगी को पीछे मुडकर,तब लगा, जाने कितने अनगिनत क्षण जिंदगी मे आए,जब मन पर छाए दुख के घनेरे साए,लगता था -अब नहीं सहन कर पाऊंगी ,बस टूट ही जाऊंगी ,छिन छिन बिखर जाऊंगी ...