सुकरात (469 ई. पू.-399 ई. पू.) का जन्म एथेन्स (यूनान) के सीमाप्रान्त के एक गांव में हुआ । उनके पिता सोफ्रोनिसकस, संगतराश थे और उनकी माता दाई का काम करती थीं। सुकरात विख्यात यूनानी दार्शनिक थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक कुरूप व्यक्ति थे और बोलते अधिक थे। सुकरात को सूफ़ियों की भाँति मौलिक शिक्षा और आचार द्वारा उदाहरण देना ही पसंद था। सूफ़ियों की भाँति साधारण शिक्षा तथा मानव सदाचार पर वह जोर देते थे और उन्हीं की तरह पुरानी रूढ़ियों पर प्रहार करते थे। सुकरात ने कभी कोई ग्रंथ नहीं लिखा। तरुणों को बिगाड़ने, देवनिंदा और नास्तिक होने का झूठा दोष सुकरात पर लगाया गया और इसके लिए उन्हें जहर देकर मारने का दंड मिला।
सुकरात (469 ई. पू.-399 ई. पू.) का जन्म एथेन्स (यूनान) के सीमाप्रान्त के एक गांव में हुआ । उनके पिता सोफ्रोनिसकस, संगतराश थे और उनकी माता दाई का काम करती थीं। सुकरात विख्यात यूनानी दार्शनिक थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक कुरूप व्यक्ति थे और बोलते अधिक थे। सुकरात को सूफ़ियों की भाँति मौलिक शिक्षा और आचार द्वारा उदाहरण देना ही पसंद था। सूफ़ियों की भाँति साधारण शिक्षा तथा मानव सदाचार पर वह जोर देते थे और उन्हीं की तरह पुरानी रूढ़ियों पर प्रहार करते थे। सुकरात ने कभी कोई ग्रंथ नहीं लिखा। तरुणों को बिगाड़ने, देवनिंदा और नास्तिक होने का झूठा दोष सुकरात पर लगाया गया और इसके लिए उन्हें जहर देकर मारने का दंड मिला।