Episode 1 | रिश्तों का तानाबाना | एक सुनहरी शाम

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Ek Sunhari Shaam

Society & Culture


एक सुनहरी शाम अपनी पलकों को मूँद कर ,

जब देखा अपनी ज़िंदगी को पीछे मुड़कर ,

तब लगा

की जाने कितने लोग ज़िंदगी में गए और आये,

पर सबसे मुश्किल था यह समझना ,

कि कौन हैं अपने कौन पराये !!!