Tu Meri Nhi! Hindi Poetry by Gaurav Pandey

Share:

Listens: 42.32k

Tu Meri Nhi! Hindi Poetry by Gaurav Pandey

Society & Culture


Check out my latest episode 'Tu Meri Nhi!'

Written & Performed by Gaurav Pandey © 2017

तू सूरज तो है,
पर ढलती नहीं।
मैं चाँद तो हूँ,
पर तुझसे कभी चमकता नहीं।

तू दरिया तो है,
पर बहती नहीं।
मैं सीप तो हूँ,
पर मैं मोती नहीं।

तू वक्त सी है,
कभी थमती नहीं,
तू हाथों में तो है,
पर लकीरों में नहीं।

कैसा रिश्ता है मेरा
तुझसे कोई ?
कुछ अनोखा तो है,
पर अंजाना सा है।

तू मुझमें तो है,
पर मैं तुझमें नहीं।
मैं तेरा तो हूँ,
पर तू मेरी नहीं।