Society & Culture
यह झूठ है पर हर दफा लिखूंगा मैं पढ़ सके यह सारा जमाना इतना सफा लिखूंगा मैं
तुम बदले थे कब से सुन रही है यह दुनिया इस नाम से मैं खुद को बेवफा लिखूंगा मैं
तुमने मनाया होगा मैं ही नहीं माना होगा शायद तुमको तो आता था मुझे ही नहीं आया निभाना
शायद तुम तो चाहती थी हम जनम जनम के लिए एक हो जाएं पर मैं ही नहीं चाहता था तुमको पाना
शायद मैंने ही नहीं इंतजार किया होगा तुमने तो किया था लेकिन मैंने ही नहीं प्यार किया होगा
शायद चल सारी गलती मेरी है कुबूल करता हूं खैर अपनी शादी का बुलावा देना आऊंगा जरूर।।
तुम बदले थे कब से सुन रही है यह दुनिया इस नाम से मैं खुद को बेवफा लिखूंगा मैं
तुमने मनाया होगा मैं ही नहीं माना होगा शायद तुमको तो आता था मुझे ही नहीं आया निभाना
शायद तुम तो चाहती थी हम जनम जनम के लिए एक हो जाएं पर मैं ही नहीं चाहता था तुमको पाना
शायद मैंने ही नहीं इंतजार किया होगा तुमने तो किया था लेकिन मैंने ही नहीं प्यार किया होगा
शायद चल सारी गलती मेरी है कुबूल करता हूं खैर अपनी शादी का बुलावा देना आऊंगा जरूर।।