Ep 24 डेथ क्लीनिंग, वर्षा अड़ालजा

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कथा मंजूषा

Society & Culture


उसे स्मृतियों ने ऐसे घेर लिया था कि उसका दम घुटने लगा। यहाँ जी गई जिंदगी में वह जैसे कैद हो गई हो। वह बगीचे में सैर करने निकल पड़ी।हल्का सा अंधेरा छाने लगा था।बत्तियां जगमगा उठी थीं।
( इसी कहानी से)

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