एक नागरिक खतरे में है तो पूरा देश खतरे में है ...

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खिस्सा-ए-जिंदगी

Society & Culture


अगली बार कोई आपको अपनी समस्या बतायेे और आप को लगे कि ये मेरी समस्या नहीं है, तो रुकिए और दुबारा सोचिये।


समाज का एक अंग, एक तबका, एक नागरिक खतरे में है तो पूरा देश खतरे में है।