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यह कविता मेरे जैसे लोगों के लिए प्रेरणा। मैं खुद को अर्जुन और मेरी कविता को कृष्ण समझता हूं। जब कभी भी मैं भी विफल होता हूं। यह कविता मेरा सहारा बनती है। यही सोच कर फिर से कार्य में लग जाता हूं कि एक कोशिश और एक बार। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/inhindia/message