दुसरो की बातों में सच्चाई के स्तर को पहचाने | Know the Level of Truth | Best Motivational Video

Share:

Listens: 32

aChange with Motivational Audio Stories

Education


अगर आप जानना चाहते हो कि किसकी बातों में कितनी सच्चाई है, तो एक बहुत ही अच्छी Case Study के माध्यम से जान सकते हो।

इस Case Study के अनुसार,

जब दो बहुत ही करीबी लोग एक दूसरे से अकेले में Emotionally बात करते है तो केवल सच और वास्तविक स्थिति के बारे में ज़्यादा बात करते है, जिसमें सच्चाई का स्तर बहुत अधिक होता है ।

लेकिन वही जब तीन - चार व्यक्ति आपस में बात करते है तो वह इतना सच नहीं बताते जितना अकेले व्यक्ति के साथ में शेयर करते है ।

वही जब व्यक्ति 5 से 10 लोगों के ग्रूप में होता है, तो उसकी बातों की सच्चाई 50% तक कम और झूठ व काल्पनिक बातों का स्तर 50% तक बढ़ जाता है।

ऐसे ही जब व्यक्ति सैकड़ों-हज़ारों लोगों के सामने बोलता है, तो तो सच्चाई का स्तर सिर्फ़ 10% तक रह जाता है, और झूठ व काल्पनिक बातों का स्तर 90% तक बढ़ जाता है।

पर हमें भी ऐसी काल्पनिक बातें सुनने में बहुत मजा आता है क्यूँकि सच में मनोरंजन कहाँ होता है, मनोरंजन और उत्साह के लिए कल्पनाओं का होना बहुत जरूरी होता है।

लेकिन इन सभी से ऊपर, इंसान 100% सच तभी बोलता है, जब वो अकेले में अपने आप से बात करता है।

इसलिए यदि आप भी अपना सच जानना चाहते हो, तो अकेले में योगा या मेडिटेशन ट्राई करे । क्यूँकि उसी समय आप खुद के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताते है, और आप खुद से तो कभी झूठ कहेंगे नहीं, सिर्फ़ सौ प्रतिशत सच कहेंगे और तब आप अपनी Weakness और Strength को Analyse सकते है और एक बेहतर भविष्य को प्लान कर सकते है ।


If you want to know the level of truth, then you can know through a very good case study. According to this case study,

When two very close people talk emotionally to each other in private, they only talk more about the truth and real situation, in which the level of truth is very high.

But when three or four people talk among themselves, they do not tell so much truth, they share it with a single person.

The same when a person is in a group of 5 to 10 people, then the truth of his words is reduced by 50% and the level of lies and fiction increases by 50%.

Similarly, when a person speaks in front of hundreds of thousands of people, the level of truth is reduced to only 10%, and the level of lies and fiction increases to 90%.

But we also enjoy listening to such imaginary things because where is the entertainment really, it is very important to have fantasies for entertainment and enthusiasm.

But above all these, a person speaks 100% truth only when he talks to himself in private.

Therefore, if you also want to know your truth, then try yoga or meditation alone. Because at the same time you spend more and more time with yourself, and you will never lie to yourself, only tell hundred percent truth and then you can analyze your Weakness and Strength and plan a better future.

!