Education
यह कहानी मनु नामक एक गरीब लड़के के बारे में है, जो शांतिपुर गाँव में रहता था और डॉक्टर बनने का सपना देखता था। उसे स्कूल जाने के लिए पाँच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था, और उसके पास अच्छे कपड़े या स्कूल बैग नहीं थे। अपने गरीबी के बावजूद, उसने एक ज़िला स्तरीय 'बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता' में भाग लेने का फैसला किया। उसने गाँव के कबाड़ का उपयोग करके सोलर-लाइट प्रोजेक्ट बनाया, जिससे मोबाइल चार्ज हो सके और रात में रोशनी मिल सके। प्रतियोगिता में उसने पहला स्थान हासिल किया और उसे शहर के एक अच्छे स्कूल में छात्रवृत्ति के साथ प्रवेश मिला। अंततः वह एक इंजीनियर बना और 'सौर्य शक्ति अभियान' नामक संस्था की स्थापना की, जो गाँवों में मुफ्त सोलर लाइट और चार्जिंग स्टेशन लगाती है। यह कहानी मेहनत, सच्चाई और हौसले के महत्व पर ज़ोर देती है, यह सिखाते हुए कि गरीबी सपनों की दीवार नहीं होती।