Society & Culture
A teacher walks the aisle of the classroom with a stick in his hand, waiting to use it on anyone who falters in their dictation test. Bhisham Sahni opens this scene of a classroom in his story ‘Imla’ where the same teacher when positioned outside the classroom changes his walk and talk. How do the structures of power change around the same teacher?
In this episode of Bolti Kahaniyaan, listen to the Hindi story ‘Imla’ by Bhisham Sahni published in the book Bhatakti Rakh by Rajkamal publication. The story is narrated by Swati Kashyap.
‘बोलती कहानियां’ के इस एपिसोड में प्रस्तोता स्वाती कश्यप से सुनिए भीष्म साहनी की कहानी ‘इमला’ का संपादित रूपांतरण. इस कहानी को राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किताब ‘भटकती राख’ से लिया गया है. इमला का मलतब है सुलेख-लेखन यानि लिखने का अभ्यास करना. यह कहानी हमारे सामने इस तरह खुलती है कि स्कूल के भीतर कक्षा में मास्टर रामदास बेंत झुलाते हुए फौजी जनरल की तरह चलते हैं. मास्टरजी का खौफ इतना है कि चलते हुए अगर वो किसी बच्चे के सामने रूक जाएं तो उसकी सांस अटक जाती है. एक गलती पर एक बेंत उनका उसूल है. एक दिन, एक बच्चे द्वारा बदतमीज़ी करने पर उसकी शिकायत लेकर मास्टरजी उसके पिता के पास जाते हैं. बच्चे के पिता गांव के प्रधान हैं. अब, प्रधान के सामने मास्टरजी की जो हालत होती है वह देखने लायक है. क्या होता है वहां? यह तो आपको कहानी सुनने के बाद ही पता चलेगा.

