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भगवान् श्री कृष्णा
भगवान श्रीकृष्ण गीता के नौवें अध्याय के 22 वें श्लोक में कहा है कि जो मनुष्य मेरे पर मन लगाते हैं, मेरा ध्यान करते हैं। मैं उनको वो प्रदान करता हूं जो उनके पास नहीं है। साथ ही जो उनके पास है मैं उनकी रक्षा भी करता हूं। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि हम अपने बुरे वक्त में परमात्मा पर भरोसा रखें। इसके अलावा गीता के दूसरे अध्याय के 14 वें श्लोक में कहा है कि सुख और दुख का भाव इंद्रियों से निकलता है। ये मौसम के समान है। यानि ये सुख और दुख दोनों ही हमेशा नहीं रहेंगे। इसलिए हमें सु
भगवान श्रीकृष्ण गीता के नौवें अध्याय के 22 वें श्लोक में कहा है कि जो मनुष्य मेरे पर मन लगाते हैं, मेरा ध्यान करते हैं। मैं उनको वो प्रदान करता हूं जो उनके पास नहीं है। साथ ही जो उनके पास है मैं उनकी रक्षा भी करता हूं। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि हम अपने बुरे वक्त में परमात्मा पर भरोसा रखें। इसके अलावा गीता के दूसरे अध्याय के 14 वें श्लोक में कहा है कि सुख और दुख का भाव इंद्रियों से निकलता है। ये मौसम के समान है। यानि ये सुख और दुख दोनों ही हमेशा नहीं रहेंगे। इसलिए हमें सु