Religion & Spirituality
य इदं परमं गुह्यं मद्भक्तेष्वभिधास्यति।
भक्तिं मयि परां कृत्वा मामेवैष्यत्यसंशयः ॥
(भगवद् गीता १८.६८)
भगवद् गीता का यह श्लोक जो Iskcon संस्था का आधार है, उसका वास्तविक अर्थ क्या है ? किस प्रकार भक्त भगवान् का प्रिय बन सकता है ?