Society & Culture
साल 2017 में हुई इस बातचीत की संरचना मेरी तरफ़ से हड़बड़ी की है और अंजुम शर्मा की तरफ़ से धैर्य, प्रेम और परिचय की। यह बातचीत आल इंडिया रेडियो के ‘उड़ान’ कार्यक्रम के लिए हुई थी और होने के बाद से ही यह अक्सर पिछले जीवन नहीं, पिछली रचनाओं की तरह याद आती रही है। रचनाएँ जिनका रचयिता मैं लगता ज़रूर हूँ, हूँ नहीं। — अविनाश मिश्र