बंद दरवाज़े

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OPD Diaries

Society & Culture


पठानकोट की एक ओपीडी में आई कमला—एक शिक्षिका, एक माँ—के चेहरे पर सिर्फ दर्द नहीं, वर्षों की चुप्पी थी। घरेलू हिंसा की मार खाकर भी वह जिंदा थी, पर टूट चुकी थी। जब डॉक्टर दीक्षा ने उसकी सिसकी सुनी, तो उन्होंने सिर्फ इलाज नहीं किया—उन्होंने एक दरवाज़ा खोला। ये कहानी है उन अनगिनत महिलाओं की जिनकी ज़िंदगी बंद दरवाज़ों में कैद है… जिन्हें बस एक उम्मीद की दरार चाहिए, एक आवाज़, जो कहे—अब और नहीं।