Religion & Spirituality
कृष्णवाणी के इस प्रेरणादायक एपिसोड — “सांख्य योग: अमरता और कर्तव्य का ज्ञान” — में प्रस्तुत है भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय का गूढ़ संदेश।
जब अर्जुन युद्धभूमि में मोह और करुणा से विचलित होता है, तब श्रीकृष्ण उसे आत्मा की अमरता, शरीर की नश्वरता, और कर्तव्य पालन के अनंत सिद्धांत का बोध कराते हैं।
यह संवाद न केवल अर्जुन के संशय को मिटाता है, बल्कि हमारे जीवन के हर संघर्ष के लिए भी दिशा दिखाता है।
श्रीकृष्ण कहते हैं — “न हन्यते हन्यमाने शरीरे” — आत्मा का वध कोई नहीं कर सकता; वह नित्य, शुद्ध और अविनाशी है।
इस एपिसोड में सुनिए —
आत्मा और देह का रहस्य
कर्तव्य और धर्म का वास्तविक अर्थ
दुःख-सुख के पार उठने का मार्ग
यह सांख्य योग केवल दर्शन नहीं, बल्कि जीवन को जीने की एक अद्भुत दृष्टि है — जहाँ भय का अंत और ज्ञान का आरंभ होता है।
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