आत्म-अनुशासन और ब्रह्मनिर्वाण: सांख्य योग के रहस्य | कृष्णवाणी पॉडकास्ट

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कृष्णवाणी: गीता के 18 योग

Religion & Spirituality


इस एपिसोड में हम भगवद्गीता के सांख्य योग के अंतिम श्लोक 61–72 की गहराई में उतरते हैं, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण आत्म-संयम, मन-नियंत्रण और स्थिर बुद्धि का रहस्य बताते हैं।

यह उन सभी साधकों के लिए आवश्यक ज्ञान है जो मानसिक शांति, आध्यात्मिक दृढ़ता और मोक्ष के मार्ग को समझना चाहते हैं।

इस एपिसोड में आप जानेंगे—

इंद्रियों के विषयों पर मन लगाने से उत्पन्न इच्छाओं का चक्र

इच्छा → आसक्ति → क्रोध → मोह → बुद्धि-नाश का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण

आत्म-अनुशासन का महत्व और संयमी की विशेषताएँ

राग-द्वेष से परे स्थितप्रज्ञ की अवस्था

ब्राह्मी अवस्था (Brahmi Sthiti) क्या है?

मृत्यु के समय ब्रह्मनिर्वाण की प्राप्ति कैसे संभव है?

यह एपिसोड आत्मज्ञान, ध्यान, और मनोवैज्ञानिक संतुलन की तलाश में लगे सभी श्रोताओं के लिए एक प्रकाशस्तंभ है।

जय श्रीकृष्ण।

हरि ओम् शांति।

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