Society & Culture
यह कहानी है एक गुमनाम लेकिन बेहद ज़रूरी योद्धा की — आशा वर्कर की, जो न सिर्फ़ गांवों-कस्बों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाती हैं, बल्कि हर मरीज़ के लिए बहन, माँ और दोस्त बन जाती हैं। एक दिन एक गर्भवती महिला की जांच के दौरान, डॉक्टर को एक दर्दनाक सच्चाई का पता चलता है, जिसे आशा दीदी न सिर्फ़ समझती हैं बल्कि पूरी संवेदना और साहस से संभालती भी हैं। यह कहानी सिर्फ़ स्वास्थ्य सेवा की नहीं, बल्कि भरोसे, करुणा और नारी शक्ति की है — उन आशाओं की जो सच्चे अर्थों में हमारे समाज की रीढ़ हैं।