Religion & Spirituality
“कृष्णवाणी पॉडकास्ट” के इस एपिसोड में हम बात करते हैं भगवद्गीता के पहले अध्याय ‘अर्जुनविषादयोग’ की।
अर्जुन का युद्धभूमि पर आया संकट केवल एक योद्धा की दुविधा नहीं था, बल्कि नेतृत्व और प्रबंधन की दुनिया के लिए गहरी सीख है।
इस चर्चा में आप जानेंगे –
- कैसे अर्जुन का नैतिक संघर्ष आधुनिक कार्यस्थलों की चुनौतियों से मेल खाता है।
- क्यों नेताओं को केवल लाभ पर नहीं, बल्कि नैतिक सिद्धांतों और दीर्घकालिक उद्देश्यों पर ध्यान देना चाहिए।
- निष्काम कर्म और मानसिक संतुलन कैसे एक नेता को सफल बनाते हैं।
यह एपिसोड हर उस व्यक्ति के लिए है जो नेतृत्व, प्रबंधन और आध्यात्मिक मूल्यों को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहता है।
सुनिए और जानिए कि कैसे गीता के सिद्धांत आधुनिक जीवन और कार्यक्षेत्र में मार्गदर्शन दे सकते हैं।
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इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- "अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)
इसे पढ़ना चाहे तो आप इस सीरिज के ईपुस्तकें पढ़ सकते हैं-"आध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग"
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