अर्जुन का विषाद योग आत्मा की अमरता और जीवन का गहरा सच

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कृष्णवाणी: गीता के 18 योग

Religion & Spirituality


यह अंश अर्जुन के विषाद और आत्मा-शरीर के द्वैत पर केंद्रित है, जैसा कि रमेश चौहान की पुस्तक श्रृंखला "गीता के 18 योग" से लिए गए पॉडकास्ट एपिसोड "कृष्ण वाणी" में बताया गया है। इसमें अर्जुन की दुविधा का विश्लेषण किया गया है, जो युद्ध के मैदान में अपने प्रियजनों को देखकर कर्तव्य और भावनाओं के बीच फंस गया था। श्रीकृष्ण उसे आत्मा की अमरता और शरीर की नश्वरता का ज्ञान देते हैं, यह समझाते हुए कि आत्मा शाश्वत है और शरीर केवल एक अस्थायी वस्त्र है। यह ज्ञान अर्जुन को शारीरिक मोह से ऊपर उठकर आत्मिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे वह अपने कर्तव्यों को निभा सके। अंततः, यह पाठ जीवन के नैतिक और दार्शनिक संघर्षों को आत्मा और शरीर के द्वैत को समझने के माध्यम से हल करने का मार्ग दिखाता है।