अकबर-बाबर और बवाल! — इतिहास की किताबों पर सियासी घमासान

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अकबर-बाबर और बवाल! — इतिहास की किताबों पर सियासी घमासान


क्या इतिहास की किताबों में बदलाव करना ज़रूरी है या यह सिर्फ सियासी एजेंडा है?

NCERT की नई किताबों में अकबर और बाबर को लेकर जो बदलाव किए गए हैं, उसने देशभर में बहस छेड़ दी है। क्या यह ऐतिहासिक तथ्यों का पुनर्लेखन है या राजनीतिक दृष्टिकोण से इतिहास को गढ़ने की कोशिश?


क्या हटाए जा रहे हैं मुगलों से जुड़े अध्याय?

क्या छात्रों को इतिहास का संपूर्ण और निष्पक्ष ज्ञान मिल रहा है?

क्या ये बदलाव छात्रों की सोच पर असर डालेंगे या उन्हें केवल एक विचारधारा के हिसाब से गढ़ा जा रहा है?

क्या इतिहास को लेकर यह बवाल अकादमिक ज़रूरत है या सियासी स्टंट?


Agenda Points:


* क्या इतिहास को वर्तमान राजनीतिक दृष्टिकोण से देखना उचित है?

* क्या किताबों में बदलाव से छात्र पक्षपाती इतिहास सीखेंगे?

* मुगलों को कमज़ोर दिखाना, क्या भारतीयता को मज़बूत करेगा?

* इतिहास बदलने की कोशिश या सुधारने की ज़रूरत?


Host:

योगीराज योगेश जी 


Panelists:

वंदना त्रिपाठी जी - मीडिया पैनलिस्ट, मप्र भाजपा

अमित तावरे जी - प्रवक्ता, मप्र कांग्रेस

गौरव चतुर्वेदी जी - वरिष्ठ पत्रकार


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जानिए क्या इतिहास भी अब राजनीति का मैदान बन चुका है? — सिर्फ IND Agenda पर!