Society & Culture
दूसरों के गुणों के सम्मान में अगर हम आल्हाद महसूस करते हैं तो मानियेगा हमारे भीतर मृदुता-कोमलता आने शुरू हो गए हैं।
अपने को गुणवान और श्रेष्ठ बना लो तो सम्मान अपने आप हो गया ।
परमपूज्य मुनिश्री क्षमासागर जी द्वारा उत्तम मार्दव धर्म पर दिए प्रवचन है।