December 28, 2021Society & Cultureएक ख्वाब जो मुझे अधूरा ही पसंद है । मानो एक चित्र जो मन के किसी कोने में सिर्फ तब तक पूरा है, जब तक अधूरा है । जैसे बिन मौसम बरसात । बस इतनी सी बात ।