गर देखु चारो ओर तो कई अनजाने चेहरे मिलते है, पर जो एक चेहरा भी पहचान लूं मैं तो ये अँधेरा दूर हो जाए. इस बेबस से एहसास को बड़े ही नज़दीकी से जांचने आ रहे है Mohammed Sadriwala
Poetry (Part-1) by FNP Media
Arts
गर देखु चारो ओर तो कई अनजाने चेहरे मिलते है, पर जो एक चेहरा भी पहचान लूं मैं तो ये अँधेरा दूर हो जाए. इस बेबस से एहसास को बड़े ही नज़दीकी से जांचने आ रहे है Mohammed Sadriwala